TODAY छत्तीसगढ़ / कंसोल और भाजपा सरकार में संवाद जनसंपर्क के अधिकारियों पर ईओडब्ल्यू द्वारा अपराध पंजीबद्ध किए जाने पर कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस ने समय-समय पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, वह प्रमाणित हो गए हैं। कंसोल का मामला भाजपा सरकार में राजनैतिक उद्देश्यों के लिए सरकारी धन के दुरूपयोग का निम्नतम उदाहरण है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि फर्जी सीडी बनाने और वायरल करने में इन्हीं लोगों की भूमिका रही है। विधानसभा चुनाव 2018 के मतदान के ठीक एक दिन पहले कर्जमाफी की फर्जी चिठ्ठी वायरल कर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची गयी थी और इसमें भी कंसोल इंडया की भूमिका रही। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
शैलेश नितिन त्रिवेदी ने एक बयान में कहा कि भाजपा सरकार के खिलाफ लड़ रहे तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की छवि बिगाडऩे के उद्देश्य से कंसोल इंडिया ने ‘‘भूपिया हस का’’ पेज बनाया था। रमन सिंह और अभिषेक सिंह के करीबी रहे लोगों की कंपनी कंसोल इंडिया है। जिसकी शिकायत निर्वाचन आयोग से की गयी थी। उस शिकायत पर कोई कार्यवाही और गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है।
संवाद-जनसंपर्क कार्यालय रायपुर छग के अधिकारियों के द्वारा आपस में सहमति कर एवं कंसोल इंडिया के साथ मिलकर आपराधिक षडय़ंत्र कर केवल कंसोल इंडिया को अधिक दर पर निविदा प्रदान कर राज्य शासन के साथ धोखाधड़ी कर आर्थिक हानि कारित की गई तथा स्वयं को तथा कंसोल इंडिया को आर्थिक लाभ प्रदान किया गया जो एक आपराधिक कृत्य है तथा धारा 7सी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 यथा संशोधित (संशोधन) अधिनियम 2018 एवं धारा 420, 120बी भादवि के तहत दण्डनीय अपराध है। कंसोल इंडिया और उनके सहयोगियों पर ईओडब्ल्यू द्वारा धारा 7सी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 और धारा 420, 120बी का अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
शैलेश नितिन त्रिवेदी ने एक बयान में कहा कि भाजपा सरकार के खिलाफ लड़ रहे तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की छवि बिगाडऩे के उद्देश्य से कंसोल इंडिया ने ‘‘भूपिया हस का’’ पेज बनाया था। रमन सिंह और अभिषेक सिंह के करीबी रहे लोगों की कंपनी कंसोल इंडिया है। जिसकी शिकायत निर्वाचन आयोग से की गयी थी। उस शिकायत पर कोई कार्यवाही और गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है।
संवाद-जनसंपर्क कार्यालय रायपुर छग के अधिकारियों के द्वारा आपस में सहमति कर एवं कंसोल इंडिया के साथ मिलकर आपराधिक षडय़ंत्र कर केवल कंसोल इंडिया को अधिक दर पर निविदा प्रदान कर राज्य शासन के साथ धोखाधड़ी कर आर्थिक हानि कारित की गई तथा स्वयं को तथा कंसोल इंडिया को आर्थिक लाभ प्रदान किया गया जो एक आपराधिक कृत्य है तथा धारा 7सी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 यथा संशोधित (संशोधन) अधिनियम 2018 एवं धारा 420, 120बी भादवि के तहत दण्डनीय अपराध है। कंसोल इंडिया और उनके सहयोगियों पर ईओडब्ल्यू द्वारा धारा 7सी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 और धारा 420, 120बी का अपराध पंजीबद्ध किया गया है।