देश-दुनिया में देवभूमि के नाम से लोकप्रिय हिमाचल प्रदेश को मैंने 10 दिन की यात्रा में काफी करीब से देखा और समझने की कोशिश की। 12 जिलों में सिमटे इस खूबसूरत प्रदेश में मेरे सारथी रहे प्रकाश बादल जी, जो हिमाचल के कण-कण से वाकिफ हैं उन्होंने मुझे करीब से देवताओं की धरती पर भ्रमण करवाया । प्रकाश जी की जन्मभूमि और कर्म भूमि देवताओं की भूमि हिमाचल ही है। देवताओं से ख़ास सरोकार ना रखने वाले प्रकाश बादल जी के विशेष आग्रह पर मैंने छत्तीसगढ़ से हिमाचल का रुख 8 मई को किया। 9 मई से 19 मई तक हम हिमाचल के हर उस हिस्से में पहुंचे जहां तक पहुंचना संभव था, रोहतांग का रास्ता अभी बंद है इसलिए देवभूमि में गुलाबा हमारा आखरी ठिकाना था। इस यात्रा में मैंने शिमला से हिमाचल की खूबसूरती को निहारना शुरू किया। शिमला, बीर-बिलिंग, खज्जियार, डलहौजी, धर्मशाला, पालमपुर, चम्बा, मंडी, कुल्लू-मनाली, सोलंग समेत हम कई इलाकों में पहुंचे। हर जगह की अपनी खूबसूरती है, अलग मिजाज है और अगल इतिहास है। यहां प्यार है, अपनापन है, धर्म-कला के साथ पहाड़ी संगीत की एक अलग मिठास है जो देश के नक्शे में हिमाचल को एकदम अलग बनाती है। हिमाचल यात्रा को मैं आप तक कई किश्तों में पहुँचाऊँगा ताकि आप मेरी नज़र से देवभूमि को ज्यादा करीब से देख सकें। ये राज्य आने वाले पर्यटकों के लिए स्वर्ग है यहां की हरियाली, बर्फ से ढंकी हुई चोटियां, बर्फीले ग्लेशियर, मनमोहक झीलें आने वाले किसी भी पर्यटक का मन मोहने के लिए काफी है। देव-भूमि दर्शन के इस क्रम में शुरुवात आज मैं सोलंग घाटी से करने जा रहा हूँ।
सोलंग घाटी, ये मनाली के समीप स्थित वो पर्यटन स्थल है जिसे देखकर हिमाचल प्रदेश पहुंचे देश-दुनिया के सैलानी हतप्रभ रह जाते हैं। यह हिमाचल प्रदेश के कुल्लू घाटी के शीर्ष पर स्थित एक ओर घाटी है, भारत रोहतांग दर्रा के रास्ते पर सहारा शहर मनाली के 14 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित है । करीब 300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह घाटी पर्यटकों के कौतूहल को अनायास ही बढ़ा देती है। इस घाटी को स्नो प्वांइट के नाम से भी जाना जाता है। यह व्यास कुंड और सोलांग के बीच में ही स्थित है। सर्दियों के दौरान पर्यटक यहां आयोजित होने वाली स्किईंग प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। यह प्रतियोगिता सर्दियों के दौरान विंटर स्किईंग फेस्टिवल के नाम से हर साल आयोजित की जाती है। यहां आकर पर्यटक पैरालाइडिंग, जारॅविंग और घुड़सवारी का लुत्फ भी उठाते हैं। यहां भगवान शिव का एक मंदिर भी है । यह मंदिर पहाडी की चोटी पर स्थित है जिसमें साल में हजारों पर्यटक पहुँचते हैं और दर्शन करते हैं। सोलंग नाला (घाटी) शब्द सोलंग (आसपास के गांव) और नाला (पानी की धारा) के संयोजन से बना है।
हिमाचल प्रदेश, भारत के उत्तर में स्थित राज्य है जो अपनी खूबसूरती, प्रकृति और शांत वातावरण के कारण हर साल पूरी दुनिया के लाखों पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ पर्यटन तेजी से बढ़ रहे उद्योगों में से एक है और यही कारण है की प्रतिवर्ष राज्य की आय में भी भारी इजाफा हो रहा है। राज्य के पर्यटन में आये तेज उछाल के चलते यहां बीते कुछ वर्षो में होटल और रिसार्ट में बढोत्तरी हुई है जो राज्य की प्रगति और विकास के लिए एक अच्छा संकेत है।